घोसला
घोसला
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कौआ बोला कांव कांव
क्या मैं तुम्हारे घर आऊँ
बारिश हो रही जोरों से
अब मैं यहाँ से कहाँ जाऊँ
मैना बोली अंदर आओ
गिले हुए हो खुद को सुखाओ
चाय चढ़ा दी है मैंने
तब तक तुम ये चने खाओ
चने खाकर पेट भर गया
चाय का प्याला खाली हो गया
कौआ बोला अब सोता हूँ
बारिश रुकने पे जाता हूँ
नरम नरम गद्दे पे सोये
कौए राजा सपनों में खोये
घोसला बनाया डाली पर
कौए राजा सपनों में रोये
