Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kanchan Jharkhande

Others

5.0  

Kanchan Jharkhande

Others

गांव.....

गांव.....

1 min
197



याद आता है मुझे वो

गर्मियों की छुट्टियां गांव में बिताना मेरा

शहर से गांव की ट्रेन की पुकपुक का मज़ा

और हल्के से मुस्काना मेरा।

पहुँचते ही गांव की टिपट पर

वो किसी परिचित से मिलजाना मेरा

और फलाने के रिश्तेदार हूँ करके बताना मेरा।

याद आता है मुझे मेरे गाँव ओर वो जमाना मेरा।


नाम बताते ही छकड़े पर बैठने वो उनका बुलाना मेरा,

याद आता है बैल गाड़ी पर टिपट से झोपड़ी तक जाना मेरा,

किनारों पर लहराती फसलों का बुलाना मेरा,

याद आता है हरी फली का खेतों से चुराना मेरा,

कुएँ से पानी निकालने झटाक से भाग जाना मेरा

याद आता है मुझे तीन गगरिया सर पर लाना मेरा।

हँसी ठिठौली गांव की पोरियों से जैसे कोई घनिष्ठ उनसे नाता मेरा,

भूख लगते ही गुल्लर के पेड़ पर चढ़ जाना मेरा,

ओर पेट भरते ही नदी के डेम में डूबकी लगाना मेरा

पत्थर के नीचे से केकड़ा पकड़कर लाना मेरा,

सर्दियों में भमोड़ी (मशरूम) और

बाजरा की रोटी पका कर खाना मेरा,

याद आता है मुझको वो जमाना मेरा।


खेतों में पकी फसलों का काटना मेरा,

आता है याद, ढिग को खरई तक पहुँचाना मेरा और

लौटते वक़्त सूरज के साथ दौड़ लगाना मेरा

प्रातः उठते गोबर के गेंद दीवारों पर चिपकाना मेरा

साइकिल से जाकर गोंडपुर से गुंजी लाना मेरा।

सब याद आता है मुझे पल बिताय

लेखिका_कंचन झारखण्डे




Rate this content
Log in