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Raja Sekhar CH V

Others

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Raja Sekhar CH V

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एकांत जीवन

एकांत जीवन

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जीवंत काल में एकांत जीवन है

बहुत जटिल कुटिल कठिन,

वृद्धावस्था का शय्याग्रस्त अस्वस्थता 

बताए के अत्यावश्यक हैं रक्त बंधन।


अपने आसपास देखने

जब कोई नहीं होगा,

निकटवर्ती परिजनों का

मूल्य तब पता चलेगा।


जीवान में सभी दिन

नहीं रहेंगे सामान,

एकाकी का कष्ट जताए

जब होंगे शक्तिहीन।

यह एक सुदृढ़ सत्य है

हम आए हैं ठोकर खाने अकेले,

यह भी दृढ़ तथ्य है के

संसार छोड़कर जाना होगा होकर अकेले।


यथासंभव स्वास्थ्य के प्रति

ध्यान रखना है अनिवार्य,

अकेले असहाय व्यक्ति को

शीघ्र नहीं मिलता हो सहायता सौहार्द।


प्राण पखेरू होते समय

कुछ नहीं ले जा सकते,

अपने सामने मानपत्र

कागज़ पत्र भी अपने साथ आ नहीं सकते।


जीवन में शांति दे है श्री जगन्नाथ जी

तिरुपति बालाजी की भक्ति,

रामायण पुराण भगवद्गीता ग्रन्थ के पठन से

मिले आध्यात्मिक ज्ञान के प्रति अनिरक्ति।


साक्षी के रूप में केवल

रहेंगे निर्जीव शय्या,

अन्य सजीव निस्सहाय व्यक्ति की

प्रतीक्षा में कटे उनका दिनचर्या।


प्रेम स्नेह सहित संभालकर रखें

अपने इहलोक बंधन,

बुढ़ापे में एकांत जीवन से मुक्ति के लिए

यही हैं सर्वश्रेष्ठ ईंधन।


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