Manu Sweta
Others
कुछ कहने से डर लगता है
लब खोलो तो डर लगता है
झूठ का कद देखो कितना ऊँचा है
सच बोलो तो डर लगता है
अपने कानों को बंद कर लेते है
हर आवाज़ से डर लगता है
क्या देखे इन आँखों से यहाँ पर
हर मंजर से डर लगता है।
ज़िन्दगी
मेरा सफर
एक शाम
चाँद
तेरी यादें
रहगुज़र
हे खग
साँसों की शब