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Dhirendra Panchal

Others

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Dhirendra Panchal

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एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है

एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है

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फिर लगेगी आग नूतन साल होगा ।

बस्तियों का हाल फिर से लाल होगा ।


फिर किसी बंधुआ की होगी घर नीलामी 

फिर वही कम्बल ओढ़ाया भाल होगा ।


पूँजीपतियों का दिया कैसे चुकायें 

एक धोती एक कुर्ता एक थप्पड़ गाल होगा ।


का रे फूलवा बोल कर इज्जत दिए हैं 

लग रहा चुनाव फिर इस साल होगा ।


कर रहे हैं पैंतराबाज़ी हमारी बस्तियों में 

फिर किसी का हाल मालामाल होगा ।


एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है 

सिसकियों में फिर हमारा लाल होगा ।



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