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कल्पना रामानी

Others

5.0  

कल्पना रामानी

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दोस्ती(ग़ज़ल)

दोस्ती(ग़ज़ल)

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रिश्तों में सबसे प्यारी लगती है दोस्ती।

मजबूत रिश्ते सारे करती है दोस्ती।

 

जीवन को अर्थ देती बिन स्वार्थ के सदा

बेदाम प्रेम का दम भरती है दोस्ती।


जब-जब भी घेरता तम, दिल के दिये बुझा

तब-तब दिलों को रौशन करती है दोस्ती।


जब छोड़ सब सहारे, जाते हैं तोड़ दिल

हर मोड़ पर सहारा बनती है दोस्ती।


यदि मित्र साथ हों तो हर ग़म अजीज़ है

हर हाल में हरिक ग़म हरती है दोस्ती।  


मासूम मन चमन का यह फूल जानिए

पाकर के स्पर्श स्नेहिल खिलती है दोस्ती।


मित्रों पे कीजिए सदैव नाज़ ‘कल्पना’

किस्मत से ज़िंदगी में फलती है दोस्ती। 


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