दोस्त मित्र सखा
दोस्त मित्र सखा
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जीवन में फैलाए जो इत्र कहते है उसे मित्र
जीवन का हर पहलू जिसके सामने रखा कहते हैं उसे सखा
जीवन है जिसकी वजह से खुशियों से ओत प्रोत कहते है उसे दोस्त
दोस्त, मित्र कहो या सखा नाम में क्या है रखा
जिस समस्या का नहीं है कोई हल
उसको भी कर दे जो विफल
मन हो जिसका निष्छल और निस्वार्थ
कृष्ण कहते थे जिसे पार्थ
हमेशा सही रास्ता तो नहीं हो दिखाता पर किसी भी रास्ते पर साथ चल जाता!