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दोहे

दोहे

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आशुतोष मंगल भवन,सादर नाऊँ शीश ।

वाम अंक गिरवर सुता,जय जय हे जगदीश ।।

उमामहेश्वर पद नमो,शुभ मंगल करतार ।

सिद्धिनाथ भोले नमो,#पार्वती भरतार।।

नीलम कण्ठ हलाहला, तीसरा दृग ललाट।

महाकाल नंदीश के,बड़े निराले ठाठ।।

शरणागत वत्सल नमो, #शिव-गौरी श्रृंगार ।

#चन्द्रभाल #गंगा जटा,#बिसधर बनि गलहार।

सदा ही मिले आपको,शुभ आशीष विशेष।

महाशिवरात्रि पर्व की, शुभकामना अशेष।।


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