दंश
दंश

1 min

159
अतीत का दंश,
डसे विषधरों की तरह..
काली परछाइयाँ,
कहती कहानियां,
आँसू ना रुकते,
हथेली पर गिरते...
आशाओं के दिये से,
लिखती गई कविता,
ह्र्दय पर छपता,
अधरों पर खिलता,
ह्रदय की पीड़ा,
अतीत में जकड़ा,
मन का सपेरा ,
बीन पर थिरकता,
फितरत है ऐसी,
बस डसता ही रहता,
अतीत का दंश,
डसे विषधरों की तरह....