*"दीवाली"*
*"दीवाली"*
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द्वार-द्वार आई दीवाली,
खीलें और बताशों वाली।
अम्मा की अब सज रई थाली,
बच्चे बजा रहे हैं, थाली।
द्वार-द्वार आई दीवाली।
हर आंगन डाली रंगोली,
टीका सबै लगा रहें रोली।
दीवाली ने रौनक घोली,
हर्षित है, बच्चों की टोली।
द्वार-द्वार आई दीवाली।
भांति-भांति की बनी मिठाई,
देखो भाई दीवाली आई।
मिल कै खेले बहना भाई,
फुलझड़ियों की झड़ी लगाई।
द्वार-द्वार आई दीवाली।
सुंदर-सुंदर दीप सजे हैं
घर आंगन सब सजे धजे हैं।
फुलझड़ी और पटाके वाली,
द्वार-द्वार आई दीवाली।
आओं सब का तिमिर मिटायें,
घर-घर में हम सब दीप जलायें।
गिरे हुओं को भी अपनायें,
उनको अपने गले लगाये।
भूल जाओ अब वैरन सारी,
द्वार-द्वार आई दीवाली।
