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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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दीवाली की यादें

दीवाली की यादें

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हर्ष का पर्व दीवाली आया,

ढेरों ख़ुशियाँ साथ में लाया!

तम खत्म हो दीप जलाकर, 

जीवन में विश्वास जगाया!!


ज्ञान के प्रकाश के एक दीप से,

जीवन को प्रकाशित कर डालें!

लोभ, क्रोध, कुंठा व द्वेष बैर,

अन्तर्मन से हम मिटा डालें!!


सुख, समृद्धि, शुभ लाभ को,

दीपावली उत्सव लाता है!

घर व मन में उल्लास भरें,

ख़ुशहाली हमें दिलाता है!!


धनतेरस दिन ख़रीददारी का,

लईया, गट्टा,मिठाई हम लाते हैं!

सोना, चाँदी व बर्तन को खरीदें,

ढेरों ख़ुशियाँ हम पाते हैं!!


दीवाली के दिन घर हो रौशन ,

हम नए पकवान को खाएं!

घर को दीयों से ख़ूब सजाते,

प्रसन्न हो हम त्यौहार मनाएं!!


लक्ष्मी गणेश की करके पूजा,

यश व वैभव हम पाते हैं!

फुलझड़ी जला ख़ुश हो मन,

बच्चे पटाख़े ख़ूब जलाते हैं!!


हिंसा, प्रमाद व दुष्प्रवृत्तियों को,

मिटाने का इस दिन संकल्प करें!

प्रेम, त्याग व भाईचारे का हम,

जीवन में नित नव संचार भरें!!


निज दुर्बलता को मिटा करके,

जीवन में हम परिवर्तन लाएं!

नव जीवन शैली अपना कर,

पलायन को हम दूर भगाएं!!



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