दीपावली की शाम
दीपावली की शाम
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दीपावली की थी शाम वो,
जब कोल्ड वार था बीच हमारे।
पिछले दो दिन से ख़फ़ा था,
उनके एक विचार से।
दीपावली के दिन रोया ख़ूब,
आँख मिलायी न उनसे।
न उठाया कॉल कोई,
न मैसेज का दिया जवाब।
जी भर के मैं रोता रहा,
आँखे गयी उनकी सूज।
फिर दिल से पुकारा उन्होंने,
ख़ुद को पाया न मैं रोक,
उनकी तरफ़ मैं दौड़ा आया।
आँसू पोंछ गले लगाया,
साथ में डेरी मिल्क और
फ़ाइव स्टार भी लाया।
ऐसे पहली दीपावली मनाया,
उनके साथ, जब मैं दिल्ली आया।
