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Phool Singh

Others

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धर्मराज के पाँच संदेश

धर्मराज के पाँच संदेश

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धर्मराज के पाँच पत्र

होते, पूर्व मृत्यु से प्राप्त

संयोग-वियोग का चक्र चला

रोग, भय और क्रोध से करते त्रास ||


लोभ, आसक्ति व मोह में डाल कर

उम्र का करते ग्रास

केश श्वेत कर नर-नारी के लिए

यम के प्रथम पत्र को लाते पास ||


दूसरा संदेश भेज के हमको

घटाकाश से महाकाश का देते सबको ज्ञान

चक्षु की लौ धीमी करके

आत्म शुद्धि का मार्ग अपना, ले प्रभु का नाम ||


क्षीण कर सुनने की शक्ति

चेतावनी देते खास

अब तो प्रभु का चिंतन कर ले

तीसरा संदेश भी लाते पास ||


स्वादिष्ट व्यंजन दिखा-दिखा कर

देते, जठाग्नि को त्रास

दंतश्रंखला सारी गिरा

ज्यादा वक़्त ना तेरे पास ||


बोलने की शक्ति छीन हमारी

ईश्वर को कराते याद

अंतिम यमराज का सेंदेश सुना-सुना कर

दूत तब ले जाते प्राण ||


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