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Neerja Sharma

Others

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Neerja Sharma

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डियर डायरी

डियर डायरी

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कर्फ़्यू का सातवाँ दिन 

दिन तो रहा ठीक ठाक

पर शाम की खबर ने चौंकाया

मस्जिद में 1800 लोगों को पाया।


इसी बात पर चली चर्चा ज्यादा

रिजल्ट क्या होगा सोच मन तड़फा

समझदारी या बेवकूफी किसकी

देशवासियों की तो जान खिसकी।


अब फिर से होगी दौड़ धूप खूब

किस -किस का रहा संपर्क ढूँढ

परिणाम घातक हो सकता है खूब

भगवान ही बचाए अब क्या करूँ सुन।


जैसे तैसे इस बात को भुला खाना खाया

लेट हो गया था सो जल्दी काम निबटाया

तभी वाट्सएप पर मैसेज आया

कर्फ़्यू जून माह तक बढ़ाया।


मन खराब हुआ, शाम की खबर से लगा

पर इतनी जल्दी एक्शन सोचा न था

डा साथी ने भेजा 'जी आई एफ' खोला

अप्रेल फूल मन भड़का , जैसे हो तड़का।


प्यारे से मज़ाक से चेहरे पर मुस्कान आई

मैम को भी हाथ जोड़ दी बधाई

सबसे पहले बुद्धू बनाने का शुक्रिया

टैंस माहोल में हंसाने का शुक्रिया।


ये तो थी ताजा शाम की कहानी

सुबह का किस्सा है याद मुँह जुबानी

सुबह जल्दी उठ चाय बनाई

चाय के संग कोटस की क्रिया दोहराई।


ब्रंच में बनी मक्की रोटी साथ में लस्सी

गलगल का अचार व मक्खन की गोटी

स्वाद में कुछ ज्यादा ही खाई

बर्तन छोड़ लम्बी तान लगाई।


छह बजे उठ चाय बनाई

साथ साथ बर्तनों की की धुलाई

बाद की सब बातें शुरू में कह दी 

रामायण देख मन में शान्ति आई।


थोड़ा समय फोन पर ज्यादा लगाया

ऑथर ओफ द वीक का मैसेज घुमाया

तभी डायरी लेखन याद आया

सब छोड़ मन डियर डायरी पर लगाया।


दोस्तो यह थी मेरी आज की कहानी 

खुद को ही सुना खुश होती हूँ दिलजानी

आपको कैसी लगेगी यह प्रभु ने जानी

शुभरात्रि दोस्तो अब खत्म कहानी ।


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