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Vikram Singh Negi 'Kamal'

Children Stories

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Vikram Singh Negi 'Kamal'

Children Stories

दानी (बाल-कविता)

दानी (बाल-कविता)

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घर में छोटा दानी है

पीता कम कम कम पानी है।

हँसता है नाना जैसा

रोता है तो नानी है।


छोटा सा बच्चा है

मन का सीधा सच्चा है ।।

तेवर हैं तो दादा है

दुलार है तो दादी है ।।


बाल उसके दीदी जैसे

अकड़ अपने भैया जैसी ।

खिझाता है तो पापा है

रिझाता है माँजी है ।।


दौड़ लगाता सरपट से

सो कर उठ जाए झटपट से ।

बड़े मन वाला ताऊ जैसा

शांत चित्त हो जाए तो ताई है ।।


नखरे करता बहुत इतराता

आगे पीछे बहुत नचाता ।

कलाकारी अपने चाचा जैसी

मुस्काता है तो चाची है ।।


घर में थोड़ा दानी है

पीता कम कम पानी है ।

हँसता है नाना जैसा

रोता है तो नानी है ।।



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