STORYMIRROR

दानी (बाल-कविता)

दानी (बाल-कविता)

1 min
355


घर में छोटा दानी है

पीता कम कम कम पानी है।

हँसता है नाना जैसा

रोता है तो नानी है।


छोटा सा बच्चा है

मन का सीधा सच्चा है ।।

तेवर हैं तो दादा है

दुलार है तो दादी है ।।


बाल उसके दीदी जैसे

अकड़ अपने भैया जैसी ।

खिझाता है तो पापा है

रिझाता है माँजी है ।।


दौड़ लगाता सरपट से

सो कर उठ जाए झटपट से ।

बड़े मन वाला ताऊ जैसा

शांत चित्त हो जाए तो ताई है ।।


नखरे करता बहुत इतराता

आगे पीछे बहुत नचाता ।

कलाकारी अपने चाचा जैसी

मुस्काता है तो चाची है ।।


घर में थोड़ा दानी है

पीता कम कम पानी है ।

हँसता है नाना जैसा

रोता है तो नानी है ।।



Rate this content
Log in