चुनाव आते ही जाती वाद का भांग जनमानस में धोल देता है ऐसा खिलाड़ी हैं नेता
चुनाव आते ही जाती वाद का भांग जनमानस में धोल देता है ऐसा खिलाड़ी हैं नेता
चुनाव आते ही जातीवाद का
भांग जनमानस में धोल देता है
ऐसा खिलाड़ी हैं नेता गण जो
चुनाव के वक्त नजर आता है
जीत दर्ज करने के बाद
याद ना चाचा चाची का आता है
दबे पाँव घर से बाहर
दबे पाँव घर आता है।।
भोली भली जनता को
चूस चूस कर खाता है
हमेशा भाषण नेता गण
सच्चाई पर ही देता है।।
नि:स्वार्थ का दावा कर के
स्वार्थ में लग जाता है
जनता जनार्दन के हाथ में
थमाता है ???
चप्पल जूता घीस घीस के
पानी पीने हो जाता है
मगर नज़र नहीं कहीं
नेता गण आता है।।
फिर वोट का राजनीति करने
समय पर आ जाता है
चाचा चाची काकी भौजी
कह कर वोट ले जाता है।।
सावधान हो जाओ जन जन
चुनाव आने वाला है
मिश्री से भी ज्यादा मीठा
नेता बोलने बाला हैं।।
बहकावे में ना आकर
किसी को मत देना है
श्ववीवेक के निर्णय से
वोट देने जाना है।।
