मुक़द्दर मुक़द्दर
मरने के बाद नहीं मुझे जीते जी ही इंसाफ चाहिए...! मरने के बाद नहीं मुझे जीते जी ही इंसाफ चाहिए...!
एक पंछी का आत्मबोध...। एक पंछी का आत्मबोध...।
आत्मविश्वास...। आत्मविश्वास...।
ना द्वेष,ना कलेश ना कोई अभिमान जहां हर नारी को साथ लेकर निर्मित करूं नया संसार। ना द्वेष,ना कलेश ना कोई अभिमान जहां हर नारी को साथ लेकर निर्मित करूं नया संस...
भ्रम जाल को तोड़ो नारी, भ्रम जाल तोड़ो। उठो, सजग बनो, अपना भविष्य स्वयं संवारो। भ्रम जाल को तोड़ो नारी, भ्रम जाल तोड़ो। उठो, सजग बनो, अपना भविष्य स्वयं...