चिड़िया का घोंसला
चिड़िया का घोंसला


चिड़िया का वो आशिआना, तिनके तिनके से बनाना,
अंडों से वो चूजे आना, चोंच से उनको खिलाना।
लुप्त हो रही ये जाति, घोंसला बना न पाती,
पेड़ काटे हमने साथी, इसलिए ये दिख न पाती।
सुबह का वो चहचहाना, चोंच से दाने चुराना,
चैं चैं करके शोर मचाना, अपने साथी को बुलाना।
घोंसले में बच्चे अटके, माँ की वो हैं राह तकते,
बाहर वो अभी आ न सकते, सूरज की वो गरम लपटें।
माँ जो खाना ले के आई, मिलकर खाए भाई भाई,
माँ की ममता हमको भाई, स्वस्थ रखे इनको साई।
हम सब को है पेड़ लगाना, इनको हमने है बचाना,
गर सुनना चाहते वो पुराना, चिड़िया का वो मधुर गाना।
हम ने है मिल कर ये ठाना, पर्यावरण को है बचाना,
घर में बूटा भी लगाना, घोंसला घर में बनाना।