चाय
चाय
ना सुबह अपनी ना शाम अपनी,
चाय के बिना न जिंदगी अपनी।
सारे काम बाद में नजर आते हैं,
चाय का प्याला उठते ही पकड़ लाते हैं।
मजबूरी है कि खुद बनानी पड़ती है,
वरना तो चाय बेड पर ही अच्छी लगती है।
शुक्र है कि बैड टी की आदत नहीं है,
जिंदगी थोड़ी अभी अपने ही बस में हैं।
जब कोई कह दे कि चाय नुकसान करती है,
मन को समझा लेते हैं कोल्ड ड्रिंक से कम करती है।
ना स्ट्रांग पीओ , ना ज्यादा पीओ ,
मन की तसल्ली के लिए चाय पीओ।
सुख दुख सब में चल जाती है,
हर मौके पर चाय काम आती है।
जब सब कुछ खुद ही ऐड करना है तो चिंता काहे की,
शुगर हो या शुगर फ्री, चाय है देती सदा ताजगी।