चाँद
चाँद
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बचपन में
सुनी थी
एक कहानी
चाँद पर
चरखा कातती है
बुढ़िया रानी
विज्ञान पढ़ा
तो पाया
फिर प्रश्न
मन में आया
न हवा, न पानी
फिर कैसे रही होगी
बुढ़िया सयानी
किसी को चाँद में
दाग नज़र आता है
तो कोई उसे
माहताब कहकर
बुलाता है
आसमान में
चंदा संग चमकते
अनगिनत तारे हैं
रात्रि में लगते
सुंदर सुंदर
प्यारे प्यारे हैं
गौर से देखो तो
प्रकृति का
अजब नज़ारा है
चाँदनी बिखेरता चाँद
इक अद्भुत सितारा है