बुद्धू भैया
बुद्धू भैया
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बुद्धू भैया बड़े होशियार,
सब सवालों के दे वह जवाब.
रात में सूरज कहाँ है जाता,
अंधेरे में कौन रास्ता दिखाता.
बुद्धू भैया झटपट बोले,
धीरे धीरे पत्ते खोले.
सूरज तो कहीं नहीं है जाता,
अपने घर के ट्यूबलाइट को
स्विच ऑफ कर वो सो जाता.
बादल में कैसे पानी आता,
सारे जग की कैसे प्यास बुझाता.
बुद्धू ने फिर सर खुजलाए,
हंसते हंसते फिर बतलाये.
सूरज के घर से होके लीक,
इकट्ठा हो जाता बादल में,
जब जब ओवरफ्लो होता,
पानी नीचे बरस वह जाता.
