बोलता है हमेशा सच
बोलता है हमेशा सच
उसकी आवाज है गर्दिश-ए-आवाम के लिए।
सर दर्द है वह बड़ा वतन-ए-निजाम के लिए।।1।।
बोलता है हमेशा सच किसी के भी सामने।
जाना जाता है वह अपनी कड़वी जुबाँ के लिए।।2।।
मिलता है मोहब्बत से हो दोस्त या दुश्मन।
हाथ उठाता है पहले ही दुआ सलाम के लिए।।3।।
घर में शिकायत है उसके मसरूफियत पर।
उसने आदमी रखे हैं इनके तामझाम के लिए।।4।।
कैसा भी बड़ा झूठ हो वह झुकता नहीं कभी।
हमेंशा तैयार रहता है अपने अंजाम के लिए।।5।।
रखता है वह वतन को अपने मजहब के ऊपर।
वतन परस्ती है उसके अंदर प्रभु श्री राम के लिए।।6।।
देखने पर ना जाओ झूठे बैर खाना भगवान का।
वह तो प्रेम था साबुरी का जय श्री राम के लिए।।7।।
