STORYMIRROR

Devesh Dixit

Others

3  

Devesh Dixit

Others

बोझा

बोझा

1 min
185

स्कूल जाती एक बच्ची

जो कि मन की सच्ची

बस्ता टांगे वो भारी सा

बढ़े जा रही वो जल्दी


पापा संग वो जल्दी जल्दी

नन्हे कदमों से वो भाग रही

भारी बहुत था उसका बोझा

पापा को बस्ता पकड़ा रही


थकी थकी सी वो बच्ची

अब खुल के मुस्करा रही

कंधे से जो हट गया बोझा

स्कूल को वो तो भाग रही


पापा ने जब बस्ता पकड़ा

वजन से वो तो झुक गए

बच्ची पर कैसे बोझा लादा

इसी सोच में वो पड़ गए


अपने पर अफसोस हुआ

क्योंकि वो अब समझ गए

रोज लेकर खुद वो बस्ता

बच्ची को लेकर स्कूल गए.


Rate this content
Log in