बंदर का ब्याह
बंदर का ब्याह
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बंदर मामा ने ब्याह रचाया ,
मंडप उसने खूब सजवाया ।
दूर - दूर से सब आए साथी
शेर,हिरण ,खरगोश और हाथी ।
मशहूर भालू का बैंड बुलाया ,
मधुर गीत कोयल ने गाया ।
लगा नाचने जंगल का राजा ,
लगा बजने भालू का बाजा ।
गिरे पलंग से छाया अंधेरा ,
नींद खुली तब हुआ सवेरा ।
देखे दिन में ही मामा ने तारे ,
रह गए बेचारे यूं ही कुंवारे ।
यह तो देख रहा था सपना ,
शादी ब्याह के चक्कर से बचना।
बंधन में नहीं आजादी रहेगी ,
चारों ओर ही बर्बादी रहेगी ।