बनाने दीजिए
बनाने दीजिए
शौक से रिश्ते दिखावे के निभाने दीजिए
झूठ को सच खूब ही उनको बनाने दीजिए
खास खाली कर गए मेरी तिजोरी प्रेम की
ग़ैर को तक़दीर अपनी आज़माने दीजिए
ध्यान से सुन बात मेरी यार तू ही है मिरा
प्यार का वादा-इरादा भी जताने दीजिए
कुछ शरारत कोइ चाहत दे मुझे तू फिर ज़रा
फिर वही कॉलेज वाले ही ज़माने दीजिए
घोल दो मिश्री दिलों में याद ताज़ा हो उठे
प्रेम की प्यारी हरकतों से सताने दीजिए
आज रोको ही नहीं बातें सभी ही भूल जा
धड़कनों को बेधड़क सुनने-सुनाने दीजिए
नैन को अरु एहसासों को करो से स्पर्श कर
सब कहानी और किस्से अब बताने दीजिए।
