Archna Goyal

Others

0.6  

Archna Goyal

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बिंदु

बिंदु

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खाली कागज पर नजर

भटकती रहती इधर उधर

क्या देखे कहाँ देखे

बस सोचती रहती है


अगर एक बिंदु भी स्याही ने

लगा दिया जो कागज पर

नजर बार बार वहीं पर

जा कर रुक जाती है


पता नहीं कीमत कागज की

है या बिंदु की अब तुम्ही देखो

कागज ने खुद पर स्थान दे

बिंदु का महत्व बढ़ाया या


स्याही ने अपना योगदान दे

कागज का सम्मान कराया 


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