बहुत याद आता है
बहुत याद आता है

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अतीत के कुछ पन्ने खोलूं तो
कभी गुस्सा कभी प्यार आता है
कैसा लड़कपन था वो गुजरा जमाना
किसी का चिढ़ाना बहुत याद आता है
यादों के कुछ पन्ने खोलूं तो
किसी की बातें,
किसी का चेहरा,
बहुत याद आता है
वो बचपन की शरारते,
वो सपनीली रातें
वो आम की डाली
वो सावन के झूले और
वो किसी का झुलाना
बहुत याद आता है