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KHEM SINGH

Others

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KHEM SINGH

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भोला बसंत

भोला बसंत

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बसंत तुम हो बिल्कुल भोले

आ जाते हो दिल को खोले

प्रकृति के ले निराले गोले

बसंत तुम हो बिल्कुल भोले


जहां न बदला ऋतु बदल गई

दुनिया बहुत दूर निकल गई

सर्दी गर्मी के मौसम में 

दुनिया सारी बदल गई है


उथला तेरा महिमा का मंडन

कलाई वक्र पर मोली व चंदन

भीतर अहं का भाव बोले

बसंत तुम हो बिल्कुल भोले


माह मास का नियम बदलकर

आ जाते हो बाल पकड़ कर

उड़ाओ यूं ही नहीं उड़न खटोले

बसंत तुम हो बिल्कुल भोले।


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