भोजपुरी पूर्वी लोक गीत- बिगड़ल
भोजपुरी पूर्वी लोक गीत- बिगड़ल
बिगड़ल बयरीया बहेला येही जग मे
केवन लोगवा डार दिहले धुआँ ये राम।
ब्र्म्हा बिधाता ई दुनिया बनवले
लोगवा करे मनमाना ये राम
काटी काटी पेड़वा महल बनवले
चिरई कहा घर बनाना ये राम।
बिगड़ल बयरीया बहेला येही जग मे
केवन लोगवा डार दिहले धुआँ ये राम।
पेड़वा बिना बरखा ना होई
जनी काटे केहु तना ये राम
फल फुलवा बिना सब फुखल मरीहे
मिलिहे कहा एको दाना ये राम।
बिगड़ल बयरीया बहेला येही जग मे
केवन लोगवा डार दिहले धुआँ ये राम।
संसिया लेवे हवा सबके चाही
अगिया लगल चहु वन ये राम
हउआ बिना सब लोग छटपटइहे
मिलिहे ना केवनों ठिकाना ये राम।
बिगड़ल बयरीया बहेला येही जग मे
केवन लोगवा डार दिहले धुआँ ये राम।
