भले छोटी सी बच्ची हूँ
भले छोटी सी बच्ची हूँ
भले छोटी सी बच्ची हूँ अभी छोटी सवारी है।
इरादे हैं बड़े पक्के कभी हिम्मत न हारी है।
बढ़ेगा देश आगे जब बढ़ेंगे देश के बच्चे,
बनाया कल बुज़ुर्गों ने अभी बच्चों की बारी है।
सुनी बचपन से हैं हमने कहानी वीर लक्ष्मी की,
नहीं समझो हमें अबला बड़ी ताकत हमारी है।
कहो काली या रणचंडी या फिर दुर्गा कहो हमको,
वतन के वास्ते तत्पर यहाँ प्रत्येक नारी है।
मेरा काठी का घोडा आज कल चेतक सा भागेगा,
यही समझो कि शक्ति और शेरों की सवारी है।
नहीं सीमा है सपनों की ज़माने की नहीं चिंता,
जिगर में जोश हो जिसके हज़ारों पर वो भारी है।
मुकम्मल ख़्वाब होते हैं अगर शिद्दत से चाहो तुम,
मिलेगी कामयाबी हर रहे कोशिश जो जारी है।
लगा कर पंख उड़ जाऊँ किसी सपनों की दुनिया में,
ज़रा जादू है हाथों में ज़रा सी होशयारी है।
सुनो बाबा भले मैं कल किसी मंजिल को पा जाऊँ,
मेरा सब कुछ तुम्हारा है ये परछाई तुम्हारी है।
अगर कुर्बां भी हो जाऊँ वतन के काम आने को,
नहीं रोना ज़रा सा तुम कसम तुमको हमारी है।
नमन 'अवि' का शहीदों को अमर हैं लोग वो सारे,
वतन ख़ातिर जिन्होंने जिंदगी अपनी गुजारी है।