" बदलते रिश्ते "
" बदलते रिश्ते "
1 min
158
समय के साथ बदलते रिश्ते
यही मन को समझाना
आज हम मानते अपनों को!
कल बन जायेंगे दूसरों के
समय तो वहीं है
रात और दिन भी है
पर बदल जाता है
मनुष्य समय के चक्र में।
