बारिश
बारिश
छाये काली काली बादल हर जगा
घनघोर घाटा हर जगा
आया प्यारी सी मीठी की ख़ुशबू
बरसा बूँद बनके बरखा।
गरज रहे हैं बादल
बिजली मचा रही है हलचल
खोल दिया इंद्रा देव ने नल
बरसेगा अब नीर झम झम।
बरस रहा है बारिश जमकर
बनालो पनीर पकोड़े भागकर
ले आओ चाई कॉफ़ी हाथ में
बेठेंगे चबूतरे पे साथ में।
ओस बारिश की पड़े चेहरे पे
हम तो चले भुटा लेने
खा भुटा हुए मगन हम
चले अपने डगर को हम।
चलो कागज की नाव बनाते है
रिम जिम बारिश में नाच नचाते है
आँखो में आइ खुमारी
और मज़ा तगड़ा भारी।
प्यार भरा ये मौसम भारी
खेतों की राज दुलारी
किसानों की जान प्यारी
फसल उगाए ताजी ताजी।
छाये काली बदल हर जगा
बनके बूँद बरसे हर जगा।