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Shalini Mishra Tiwari

Children Stories

3  

Shalini Mishra Tiwari

Children Stories

बाल मनोविज्ञान

बाल मनोविज्ञान

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बाल मन को 

पढ़ने की

कोशिश जटिल,

बाल मनोविज्ञान

नई राह दिखाता।


बाल मन है

बहुत नाज़ुक मन

कब क्या सोच ले

कब क्या

चाह ले 

कोई न जाने

सपनों की

अलग दुनिया

बसाता।


कब, किस बात पर

रूठ जाए,

कब किस पर

प्यार लुटाए

कोई न जाने

ज़िद पर अपने

शोर मचाता।


जिन दोस्तों के साथ

खेलता,

उन्हीं से बात-बात पर

लड़ाई करता।

अपनी चीज़े किसी से

न बाँटता।


कभी जोर से रोना,

कभी खिलखिला कर

हँसना।

दुनिया के कायदे,

न जानता।

कभी गुमसुम

चुपचाप रहता

कभी अकेले में

खुद से ही

बतियाता।



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