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Sanjay Aswal

Children Stories

5.0  

Sanjay Aswal

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बाल कविता -२ (तितली रानी)

बाल कविता -२ (तितली रानी)

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तितली रानी तितली रानी,

दूर देश से आई है 

खुद में ही इठलाती रहती 

दिखती बड़ी सयानी है।


रंग बिरंगी पंखों वाली,

परियों सी तू लगती है,

उड़ती है तू यहां वहां,

गुमसुम तू क्यों रहती है।


फूलों का रस पी पी कर,

अपनी अदा दिखाती है,

रंग सुनहरे पंखों से तू 

बच्चों को मोह लेती है।


बच्चे जब भी छूना चाहें,

दूर गगन उड़ जाती है,

फूलों पर मंडरा कर फिर 

अपने पास बुलाती है।




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