बाल कविता -२
बाल कविता -२
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तितली रानी, तितली रानी,
लगती है तू बड़ी सयानी,
दूर देश से आती है,
खुद से ही इठलाती है,
रंग बिरंगी पंखों वाली,
परियों सी तू लगती है,
उड़ती है तू यहां वहां,
जाने क्यों तू कहां कहां,
फूलों का रस पी पी कर,
अपनी अदा दिखाती है,
बच्चों का मन मोह ले तू,
फूलों पर मंडराती है,
बच्चे जब भी छूना चाहें,
दूर गगन उड़ जाती है,
तितली रानी तितली रानी,
लगती है तू बड़ी सयानी।
