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SPK Sachin Lodhi

Others

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अमावस की रात

अमावस की रात

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अमावस की काली घटा,

दिल की वेदना भरी छटा।

चांद भी हो गया आज गुमशुदा,

भादों का महीना, मेघों की गर्जना,

तड़-तड़ाती बिजली की सिंहना,

चहूँ ओर काली घटा छा गई,

दो प्रेमियों को जुदा कर गई।

चांद-चकोर का प्रेम अनोखा है,

आज उनको भी बिछड़ते देखा है।


निशाचर निकलने लगे,

यहां-वहां विचरने लगे।

अंधेरी रात का घना अंधेरा,

खो गया प्राणप्रिय मेरा।

काले मेघों ने घेरा सितारों को,

चम-चमाहट हुई निशा में लुप्त,

आज रात्रि हुई पूर्ण तृप्त।

रात में जुगनुओं का विचरण,

चमचमाती वो चमक हृदय को छू रही,

मानो कुछ कह रही।

यूं दिल अब जुगनू से हटा,

अमावस की काली घटा,

दिल की वेदना भरी छटा।


#कुछ बातें...!!

#कुछ यादें....!!


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