"ऐसे न मिली आजादी"
"ऐसे न मिली आजादी"
ऐसे ही न मिल गई,हमको आजादी
इसके लिए,लाखो ने जान गवां दी
1857 क्रांति,जिसमें लड़ी,मर्दानी
अंग्रेज़ो को पिलाया था,उसने पानी
हजरत बेगम,तांत्या टोपे तूफानी
कौन भूलेगा,बहादुर शाह कुर्बानी
आउवा ठाकुर,नाना पेशवा आदि ने,
अंग्रेज़ो को याद दिला दी,थी,नानी
इसके बाद की मत पूंछो कहानी
इसके बाद आये,अपने बापू गांधी
जिन्होंने अहिंसा की चलाई,आंधी
जिसके आगे उड़ी,अंग्रेज आबादी
भगतसिंह सुख,राज,अशफाक आदि
जो झूल गये इस माटी के लिये फांसी
नेहरू,पटेल,सुभाषचंद्र बोस नेताजी
लाल,पाल,बाल,आजाद उनके साथी
लाखो ने आजादी के हेतु दी,कुर्बानी
ऐसे ही न मिल गई,हमको आजादी
आज सीमा पर खड़े सैनिक फौलादी
मातृभूमि हेतु लगाते जान की बाजी।
