ऐसा भी होता है
ऐसा भी होता है
वो दोनों अच्छे दोस्त
नर्सरी से साथ पढ़ते
प्यार सगे भाई बहनों सा ,
जन्मदिन भी एक ही दिन,
कुदरत का करिश्मा देखिए
एक की माँ नहीं ,
दूसरे के पिता नहीं ,
दोनों अपने माता -पिता की बातों से
कमी पूरी कर लेते थे ।
बड़े सालों तक यह चलता रहा
अब वो खुद समझदार हुए
एक डाक्टर एक इंजीनियर बना,
माता पिता की मुलाकात केवल पी टी एम
दोनों एक दूसरे के बच्चों की
प्रशंसा करते न थकते ,
खुशी थी दोनों इकलौते बच्चों ने
प्यारा रिश्ता बनाया ,बहन- भाई
आज के युग में जो मिसाल बना ।
अब बच्चों की मंजिल अलग थी
नौकरी घर से दूर थी ।
माँ बाप को छोड़ने को कोई न तैयार था ,
जिन्होने अकेले बच्चे पाले उन्हें अकेला ,
दोनो बच्चो ने लिया अज़ब फैसला,
तुम मेरी बहन ,मतलब माँ दोनों की,
मैं तुम्हारा भाई ,तो पापा दोनों के,
फैसला पक्का ,माँ पापा की शादी
न माने तो भी अब हम रहेंगे साथ ,
बिन फेरे हम तेरे फिल्मी एंड के साथ।
