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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Others

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

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अधूरा एहसास

अधूरा एहसास

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प्रेम का किसी समय धर्म या उम्र से

कोई लेना देना नहीं

प्रेम में कोई संशय होना 

अपक्व भाव कहलायेगा


तू काहे को चिंता करता

सब कुछ यही रह जायेगा 

छोड़ छाड़ कर दाना

तिनका पंंछी तो उड़ जायेगा



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