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Kawaljeet GILL

Others

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Kawaljeet GILL

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अच्छा हुआ हम जिंदा नहीं

अच्छा हुआ हम जिंदा नहीं

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आज़ाद हिंद का ये हाल देखकर

आँखों मे आँसू आ जाते है

अच्छा हुआ हम गुलाम हिन्द में

पैदा होकर दुश्मनो से लड़ते हुए मर गए

ये रूप ना हिन्द का हमने सोचा था

जहाँ अपने ही अपनो का खून बहा रहे है

भ्रष्टाचार कालाबाज़ारी धोखा देखकर

हम खुद पर ही शर्मिंदा होते

ये कैसे लोग है जिनकी खातिर

हमने अपनी आहुति दे दी

दोस्ती क्या होती, प्यार क्या होता है

ये सवाल ऐ हिन्द के वासियो हमसे पूछो जरा

देश प्रेम की खातिर हमने

अपनी जान की बाज़ी लगा दी

दोस्ती का देश का साथ नही छोड़ा हमने

दुश्मनो के होश उड़ा दिए

क्या ये वो ही हिन्द है

जिसमे प्यार की नदियाँ बहती थी

मतलब के क्यों हो गए लोग

यहाँ मतलब के क्यों हो गए रिश्ते

गर हम जिंदा होते तो

ये सोच सोच कर रोते की

आज़ादी की लड़ाई लड़ कर

क्यों हम शहीद हुए

जहां कद्र ही नही रही

लोगो को आज़ादी की

अच्छा हुआ हम जिंदा नहीं

हिन्द का ये रूप देखने को।


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