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Anjali Sharma

Others

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Anjali Sharma

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आयो बसंत

आयो बसंत

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आयो बसंत झूमे हर पात डाल

मद मधुबन घूमत सब बाल ग्वाल


मैना कोयल बांचें गीत नए

गुनगुन भँवरे ढूँढत मीत नए


मोर थिरकत यौवन की धुन

पपीहा मिलाये सुर तान लो झूम


तितलियां घूमें क्यारी प्यारी

मनमोहक हरी भरी हर डारी


पेड़ों ने पहने वस्त्र नए

कामदेव सजाएं अस्त्र नए


सुप्त धरा अंक में फूटे बीज अनेक

गुंथे फूलों से लता के केश घने


विषम शीत बीत मनमीत पुकारे

बसंत ऋतु आगमन पांव पखारे


बरसे रस धार पुष्प मधुराज प्रसन्न

धरती हरी उपजाए कनक धन अन्न


पीली सरसों पीली लदी डाल

पत्ती इतराये पहन पुष्पमाल


उत्सव आनंद नव नवीन उत्साह

लाया बसंत नव सृजन की चाह


सोई आशा को कर जागृत

हर घर प्रांगण में हो हर्ष त्वरित


आओ हम लें ये वचन आज

सब ऋतु मन में छेड़ें बसंत राग।


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