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Rajiv Jiya Kumar

Children Stories

4  

Rajiv Jiya Kumar

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आसमां की परी

आसमां की परी

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ईक परी उतरी

आसमां से

मेरे आँगन में,,

खुशी से भरी

जरी से सजी

लहरा कर उसने

यहाँ और वहाँ

भर दी खुशी

कोने कोने के

मेरे आँगन में,,

बन गई जीवन

पल भर में

झपकते ही पलक

वह कोमल

खिलखिलाती कली

जो है ईक 

सुख बांटती तुझे

मुझे यह मिश्री की

मीठी कोमल डली

मेरे घर के आँगन में,,

राग राग तरंग रागिनि

बहलाता हर मन

सुन सके गर

उसकी सजी जीवन 

से उसकी गुुनगुन,

नवजीवन की लङी

उतरी आसमां से

मेरे आँगन में

वह हसीन परी।।

      



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