Chetan Gondalia

Others

3.8  

Chetan Gondalia

Others

आने वाले कल

आने वाले कल

1 min
252


किसी आने वाले कल

दूंगा समय को देश निकाला,

फिर, सूर्य नहीं उगेगा

तेरी आँखों में खिलेगी,

मेरी इच्छाएं आकांक्षायें।

सहस्त्र सूर्य बन

लिफाफे में मेघ धनुष

लिये श्वेत-अश्व आसमानी

लाएगा मेरा प्रणय-सन्देश।

मेरे खुले केशों में - बिखरेगी प्रतीक्षा।

आकाश-गंगा के पार

जन्मेगा एक शांग्रीला,

हमारी वेदना के गर्भ से!


Rate this content
Log in