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Chetan Gondaliya

Others

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Chetan Gondaliya

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आने वाले कल

आने वाले कल

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किसी आने वाले कल

दूंगा समय को देश निकाला,

फिर, सूर्य नहीं उगेगा

तेरी आँखों में खिलेगी,

मेरी इच्छाएं आकांक्षायें।

सहस्त्र सूर्य बन

लिफाफे में मेघ धनुष

लिये श्वेत-अश्व आसमानी

लाएगा मेरा प्रणय-सन्देश।

मेरे खुले केशों में - बिखरेगी प्रतीक्षा।

आकाश-गंगा के पार

जन्मेगा एक शांग्रीला,

हमारी वेदना के गर्भ से!


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