STORYMIRROR

Dr. Pankaj Srivastava

Others

1  

Dr. Pankaj Srivastava

Others

आज का दौर

आज का दौर

1 min
119

ये कैसा अशांति का दौर है ?

हर तरफ आपदा का प्रकोप है I


प्रकृति इंसानो को पछाड रही है,

इंसान परस्पर गुनाहों के देवता को मात दे रहा है I


बुद्धजीवियों की समझ पर व्यक्तित्व भरी है,

और व्यक्तित्व पर कुर्सी की खुमारी I


९९ के फेर ने जऱ, जोरू, जमीं को कब शिकस्त दी

कतई भान न हुआ I

जीवन की शतरंज समझ से परे हो चली है

चिर परिचित नियम फिरंगी हो चले हैं I


उलझने क्या सुलझती है

अनुपातन हम उलझते जाते हैं



Rate this content
Log in