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Bhawna Kukreti Pandey

Others

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Bhawna Kukreti Pandey

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आघात सत्य का

आघात सत्य का

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कुछ

सत्य के 

अघात अप्रत्याशित होते हैं , 

तीव्र पीड़ा असीम हो उठती है।


क्षण में ही

सब सुन्दर छल

नाचते हैं आँखों के सामने

अपने विकृत वास्तविक स्वरूप में ।


आहत

क्षत हृदय

नयन नीरमय

आकुल प्राण 

विह्वल हो चाहते हैं 

तुरन्त आलिंगन परम सत्ता का।


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