आ गई नवरात्रि
आ गई नवरात्रि
आ गयी नवरात्रि हे भगतों, जन्म संवारो हे ।
सिंह सवार आई जगदंबे, चरण पखारो हे ।।
बंदनवार सजाओ भक्तों,
मंगल कलश सजालो ।
करो अगवानी जगजननी की,
आरती थाल सजा लो ।
सत्यलोक से आई भवानी,
घर पधरारो. हे …..आ गयी..।
दीप जलाओ मंगल गाओ,
सुंदर वाद्य बजाओ ।
रक्त पुष्प की माल बनाओ,
चंदन तिलक लगाओ ।
प्रेम की भूखी मैया मेरी,
तन मन वारो हे…..आ गयी…।
त्राहि-त्राहि हे माँ जगदंबे,
विपति हमार हरो अवलम्बे ।
दयामयी हे मात भवानी,
जय जय जय जय हे अम्बे ।।
मातु मनाओ, बड़ सुख पाओ,
कष्ट मिटा लो हे…आ गयी नवरात्रि..…