सबरनाखा को समर्पित...। सबरनाखा को समर्पित...।
निर्मलता, शीतलता तरिणि के संस्कार है कृष्णा, कावेरी, महानदी भारत की अम्रतधार है...। निर्मलता, शीतलता तरिणि के संस्कार है कृष्णा, कावेरी, महानदी भारत की अम्रतधार है....
जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है ! जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है !
नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कविता। नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कविता।
सीना चीर के धरती का जो कभी थे खड़े, धूमिल दरख़्त वो सारे हो गए... सीना चीर के धरती का जो कभी थे खड़े, धूमिल दरख़्त वो सारे हो गए...
हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल, पर्वत श्रृंखला मात... हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल,...