सबरनाखा को समर्पित...। सबरनाखा को समर्पित...।
क्यों हम गांव भूल गाए, क्यों गांव में देखे गए सपने धूल हो गए। क्यों हम गांव भूल गाए, क्यों गांव में देखे गए सपने धूल हो गए।