फिर बातें बेपनाह खर्च करने की याकि बेहिसाब जोड़ने की जब कोई हाथ बढाये सहारे को तो सिर्फ दिल की सुन... फिर बातें बेपनाह खर्च करने की याकि बेहिसाब जोड़ने की जब कोई हाथ बढाये सहारे को ...
नींद क्या आई बहाना, ओढ़ कर सोते रहे...! नींद क्या आई बहाना, ओढ़ कर सोते रहे...!
होती है जब कोई अनहोनी, प्रतीत अपनत्व सहारा होता है। होती है जब कोई अनहोनी, प्रतीत अपनत्व सहारा होता है।