यदि इरादों में मज़बूती, मन में दृढ़ विश्वास; आ सकते हो संग में मेरे लेने शुद्ध श्वाँस !! यदि इरादों में मज़बूती, मन में दृढ़ विश्वास; आ सकते हो संग में मेरे लेने शुद्ध श...
यूँ लगता है कि, मरकर ही, मुझे मिल सकेगी, रिहाई...! यूँ लगता है कि, मरकर ही, मुझे मिल सकेगी, रिहाई...!
ये कहानी है एक परिंदे की जो सारे जंगल में ख़बर फैलाया करता था। तभी नई सरकार आती है और ख़बर देने वाले प... ये कहानी है एक परिंदे की जो सारे जंगल में ख़बर फैलाया करता था। तभी नई सरकार आती ह...
अब डर नहीं लगता, किसी के दूर जाने का, अब दिल नहीं करता, किसी से जुड़ जाने का...! अब डर नहीं लगता, किसी के दूर जाने का, अब दिल नहीं करता, किसी से जुड़ जाने का...!
अंतिम क्षणों में, मुक्ति तो नियति है...! अंतिम क्षणों में, मुक्ति तो नियति है...!
15 अगस्त 1947 के दिन, मिली थी हमें आज़ादी! 15 अगस्त 1947 के दिन, मिली थी हमें आज़ादी!