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अभी खामोश है समंदर तो चलो पार कर लो। आएगा तूफां तो कश्ती निकाल न पाओगे।। अभी खामोश है समंदर तो चलो पार कर लो। आएगा तूफां तो कश्ती निकाल न पाओगे।।
मैं भी दो बार खुद से पूछ लेता हूँ, क्या सच में ये मेरी कविता है? मैं भी दो बार खुद से पूछ लेता हूँ, क्या सच में ये मेरी कविता है?
आज भी लिख हथेली पर नाम मेरा मेहंदी से उसे छुपाते तो होगे। आज भी लिख हथेली पर नाम मेरा मेहंदी से उसे छुपाते तो होगे।
क्या कसूर था मेरा जो मेरा दिल तोड़ा। बस तुम्हारी खुशियों को चाहा था।। क्या कसूर था मेरा जो मेरा दिल तोड़ा। बस तुम्हारी खुशियों को चाहा था।।
कितने ज़ख़्मो को दिल मे छिपाया है तुमने। फिर से किसी को मोहब्बत बनाया है तुमने।। कितने ज़ख़्मो को दिल मे छिपाया है तुमने। फिर से किसी को मोहब्बत बनाया है तुमन...
वो जो तन्हाई में काटी थी तुमने। होने को वो सारी बातें बाकी है। वो जो तन्हाई में काटी थी तुमने। होने को वो सारी बातें बाकी है।
दिल है जो ग़म-ए- दरिया तो क्या गुनगुनाऊँ मैं।। दिल है जो ग़म-ए- दरिया तो क्या गुनगुनाऊँ मैं।।
उम्र भर चला तू अकेला। अब मरने पर भीड़ आयी है।। उम्र भर चला तू अकेला। अब मरने पर भीड़ आयी है।।
मैं तो सोच भी नहीं पाता तुम बिन एक पल भी जीने को। मैं तो सोच भी नहीं पाता तुम बिन एक पल भी जीने को।
अभी तुमको तुमसा कोई इश्क़ करने वाला न मिलेगा। अभी तुमको तुमसा कोई इश्क़ करने वाला न मिलेगा।